आइये एक कहानी पढ़े--: काम की चार बातें :-
एक राजा की सुंदर वाटिका में लगी अंगूरों की एक बेल को एक चिड़िया ने नष्ट कर दिया। एक दिन राजा ने उसे पकड़ लिया और मारने लगा।
उसने कहा, ‘राजन, मुझे मत मारो। मैं आपको ज्ञान की चार बातें बताउंगी।’ राजा ने कहा, जल्दी बता।’ चिड़िया बोली, ‘हाथ में आये शत्रु को कभी मत छोड़ो।’
दूसरी बात यह कि असंभव बात पर कभी भूलकर भी विश्वाश मत करो और तीसरी यह हैं कि बीती बातों पर कभी पश्चाताप मत करो।’
राजा ने कहा, अब चौथी बात भी जल्दी बता दो।’ ‘चौथी बात रहस्यमयी हैं। मुझे जरा ढीला छोड़ दें क्यूंकि मेरा दम घुट रहा हैं।’
जैसे ही राजा ने अपना हाथ ढीला किया, चिड़िया उड़कर एक डाल पर बैठ गई और बोली, ‘मेरे पेट में दो हीरे हैं। ‘यह सुनकर राजा पश्चाताप में डूब गया।
चिड़िया बोली, ‘ज्ञान की बात सुनने से कुछ नहीं होता, अमल करने से होता है। मैं आपकी शत्रु थी फिर भी आपने मुझे छोड़ दिया।
मैंने यह असंभव बात कही कि मेरे पेट में दो हीरे हैं फिर भी आपने भरोसा कर लिया। आपके हाथ में वे काल्पनिक हीरे नहीं आए, तो आप पछताने लगे।
कहानी से शिक्षा: ज्ञान की बात से कुछ नहीं होता, अमल करने से होता हैं।